८ करोड़ रुपए के काम में अनियमितता

पालघरः पीसीआई इंडेक्स के माध्यम से काम का वितरण न करना, इन कार्यों को केवल तीन तालुकों के जन प्रतिनिधियों को आवंटित करना और एक ही सड़क पर रुपये में कई काम करने में अनियमितताएं। जिला परिषद निर्माण विभाग द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति दिये गये अधिकांश कार्य पिछले नौ माह से वास्तव में शुरू ही नहीं हुए हैं. इन कार्यों में अनियमितता बरती गयी है. जनजातीय विकास घटक कार्यक्रम के तहत न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम के तहत जिले में डहानू और जव्हार परियोजनाओं में ७३ सड़कों के विकास के लिए ८ करोड़ रुपये की निधि मंजूर की गई थी। वर्ष २०२२-२३ में जिला जनजातीय घटक कार्यक्रम के तहत दहानू परियोजना में ३१ करोड़ रुपये का कार्य स्वीकृत किया गया। हालांकि करीब आठ करोड़ रुपये के कार्यों को २१ मार्च २०२३ को मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन बताया गया है कि मंजूरी के बाद कई महीनों तक ज्यादातर कार्यों के वर्क ऑर्डर ही नहीं दिए गए। इन कार्यों को प्रशासनिक मंजूरी देते समय यह आरोप लगाया गया है कि जनसंख्या के आधार पर कार्यों को प्राथमिकता देने के लिए सरकार द्वारा लागू पीसीआई सूचकांक प्रणाली का पालन किए बिना कुछ पदाधिकारियों और प्रभावशाली सदस्यों द्वारा इन कार्यों को कुछ तालुका क्षेत्रों में मनमाने ढंग से आवंटित किया गया है। जिला परिषद के वर्तमान पदाधिकारियों और कुछ वरिष्ठ सदस्यों को इन कार्यों का जैकपॉट मिल गया है और बताया गया है कि इन कार्यों - के लिए २०० करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. यह बताया गया है कि इनमें से अधिकांश कार्यों को पीसीआई सूचकांक और प्राथमिकता में डाउनग्रेड कर दिया गया है और आठ तालुकाओं के बीच उपलब्ध धन के २१ मार्च २०२३ को इन कार्यों के समान वितरण के बजाय, यह देखा लिए धन वितरण का आदेश दिया गया है कि पांच तालुका इन निधियों से वंचित हो गए हैं। इस घटक कार्यक्रम के तहत जहां एक सड़क पर केवल एक ही कार्य किए जाने की उम्मीद है, वहीं यह देखा गया है कि कई स्थानों पर एक ही सड़क पर १०-१० लाख रुपये के टुकड़ों में कई कार्य किए गए हैं। हालांकि जिला कलेक्टर ने था, लेकिन जिला परिषद इस कार्य को पूरा करने में विफल रही है और जिला परिषद ने इसके लिए सीमित जनशक्ति और तकनीकी कारण बताए हैं। अतः यह संभावना व्यक्त की गयी है कि वर्ष के अंत में वास्तव में कार्य किये बिना ही कार्य करा लिया गया है अथवा अन्य योजनाओं के माध्यम से कार्य कर इस निधि को ठिकाने लगाने का प्रयास किये जाने की संभावना व्यक्त की गयी है. आठ करोड़ रुपये के काम में से करीब साढ़े सात करोड़ रुपये के काम पांच-छह अधिकारियों के बीच बांट दिये गये. इस संबंध में जिला परिषद निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता जागृति सांखे ने बताया कि इस कार्य का निर्णय उनके कार्यकाल से पहले ही ले लिया गया था. लेकिन उन्होंने इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया कि अगर स्वीकृत कार्यों में अनियमितताएं पाई गईं तो क्या वे आदेश रद्द कर देंगे या काम दोबारा आवंटित कर देंगे. इस संबंध में जांच कर आगे की कार्रवाई करने को लेकर जिला परिषद ने सतर्क रुख अपनाया है. जनजातीय घटक कार्यक्रम ३०५४ के तहत वित्त पोषण मार्च २०२३ के अंत में उपलब्ध कराया गया था। तदनुसार, सभी तालुकाओं
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