बोईसर : तारापुर उद्योगिक क्षेत्र में करीब छोटे बडे 1200 कारखाने हैं, मगर अधिकतर कारखाने कामगार कानून का पालन करते नजर नहीं आ रहे हैं। कंपनी मालिकों व ठेकेदारों द्वारा कामगारों का शोषण किया जा रहा है, उन्हें उनके हक से वंचित रखा जाता है। अगर ड्यूटी के दौरान उनके साथ कोई हादसा हो गया तो उनको अपना हक पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ती है, जबकि अगर किसी कामगार का ड्यूटी पर काम करते समय किसी भी तरह की दुर्घटना कंपनी की चार दीवारी में हो जाती है तो उस कामगार का पूर्ण ईलाज करवाना उस कंपनी की जिम्मेदारी बनती हैं और उस कामगार को पूर्ण स्वस्थ होने तक ईलाज का खर्च कंपनी को अदा कर उसकी पूरी पगार भी देनी चाहिए। मगर सभी कारखानेदार अपनी यह जिम्मेदारी निभाते नहीं, ऐसी ही घटना गेल इंडिया में वाहन चालक अमित जयसवाल के साथ हुई है। अमित जयसवाल से मिली जानकारी अनुसार, तारापुर
एमआईडीसी स्थित गेल इंडिया कंपनी प्लॉट नं. जे 247/2 में अमित जयप्रकाश जयसवाल जी.एम.जी. आर. ग्लोबल एसिस्टेंस ठेकेदार हेमंत पाण्डेय की ठेकेदारी में गाड़ी नं. एमएच 40 सीएम 7646 पर चालक के पद पर मार्च 2023 से नौकरी कर रहे थे। घटना एक दिसम्बर 2023 की है, अमित जयसवाल हमेशा की तरह सुबह 10. 30 बजे गेल इंडिया कंपनी में अपनी ड्यूटी पर गए, सिक्युरीटी केबिन से गाड़ी की चाबी लेकर सिक्युरीटी केबिन की सीढ़ी से नीचे उतरते वक्त अमित जयसवाल का पैर स्लीप हो गया और अमित जमीन पर गिर गया। जिस वजह से अमित के बांए पैर के पंजे की मांसपेशी फट गई। यह घटना होने पर अमित को कोई भी उपचार के लिए अस्पताल लेकर नहीं गया। इस अवस्था में अमित खुद अस्पताल गया और अपना ईलाज कराया। अभी भी ईलाज शुरु है और अमित जयसवाल द्वारा बार बार गेल इंडिया लि. कंपनी के प्रबंधक ठेकेदार हेमंत पाण्डेय से ईलाज का पैसा मांगने पर साफ इनकार कर दिया। परेशान हो कर न्याय मिलने हेतु अमित जयसवाल ने गेल इंडिया लि. कंपनी और ठेकेदार हेमंत पाण्डेय के खिलाफ कामगार उप आयुक्त कार्यालय पालघर व स्वास्थ एंड हेल्थ विभाग पालघर में लिखित शिकायत की है। शायद अमित द्वारा शिकायत के बाद गेल इंडिया लि के प्रबंधक व ठेकेदार को कामगार कायदा समझ में आ जाए ?