विकास सिंह
बोईसर, बेटगाव, बोईसर पूर्व: ओस्तवाल वंडर सिटी में सार्वजनिक रास्तों पर अवैध रूप से खड़ी की गई दुकानों के कारण स्थानीय निवासियों का जीवन मुश्किलों भरा हो गया है। टाटा हाउसिंग के सामने इन दुकानों को देखकर प्रशासन की अनदेखी ने लोगों का गुस्सा बढ़ा दिया है।
शुरुआत में ये दुकानें अस्थायी रूप से बनाई गई थीं, लेकिन अब ये पक्की संरचनाओं में बदल गई हैं। इस मुद्दे को लेकर 23 अगस्त 2023 को पालघर जिलाधिकारी कार्यालय में पीजी पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिलाधिकारी ने तहसीलदार को जांच और कार्यवाही करने के स्पष्ट निर्देश दिए थे, लेकिन आदेशों का पालन अब तक नहीं हुआ है।
**रहिवाशों की समस्याएँ**
ओस्तवाल वंडर सिटी में लगभग 990 परिवार रहते हैं। इन अवैध दुकानों के कारण निवासियों को रास्तों का उपयोग करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह सिर्फ यातायात की समस्या ही नहीं है, बल्कि टाउनशिप की सुंदरता पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इससे संपत्तियों की कीमतें भी घट रही हैं।
**प्रशासन की अनदेखी**
निवासियों ने बार-बार प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अनधिकृत निर्माण विरोधी शाखा ने कार्यवाही का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे प्रशासन की कार्यक्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।
**निवासियों की चेतावनी**
गुस्साए निवासियों का कहना है, "हमने अवैध दुकानों को हटाने की बार-बार मांग की, लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। अगर प्रशासन ने तुरंत कार्यवाही नहीं की तो हमें सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना पड़ेगा।"
**समस्या की गंभीरता**
स्थानीय निवासियों की मांग है कि जिलाधिकारी कार्यालय इस मामले को गंभीरता से लेकर जल्द से जल्द कार्रवाई करे। अगर इस मामले में ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो प्रशासन की निष्क्रियता सामने आएगी और नागरिकों का गुस्सा और बढ़ेगा।
अवैध दुकानों और प्रशासन की अनदेखी के कारण ओस्तवाल वंडर सिटी में अस्थिरता बढ़ती जा रही है। अगर प्रशासन ने समय रहते ध्यान नहीं दिया और कार्रवाई नहीं की, तो इस मामले का प्रभाव भविष्य में बड़े आंदोलन के रूप में देखने को मिल सकता है।